विवरण
निकोलासिन की सेलेन और एंडीमियन पेंटिंग फ्रेंच बारोक कलात्मक शैली का एक प्रभावशाली उदाहरण है। कला का काम 1629 में बनाया गया था और चंद्रमा की ग्रीक देवी, सेलेन और घातक पादरी एंडीमियन के बीच पौराणिक प्रेम कहानी का प्रतिनिधित्व करता है।
पेंटिंग की रचना बहुत दिलचस्प है, क्योंकि यह सेलेन को हवा में तैरते हुए दिखाता है, जबकि एंडीमियन को देखते हुए, जो एक गुफा में सो रहा है। एंडीमियन के आंकड़े को महान विस्तार और यथार्थवाद में दर्शाया गया है, जबकि सेलेन आकृति को अधिक आदर्शित और ईथर पोज़ में दिखाया गया है।
पेंटिंग में रंग बहुत सूक्ष्म और नरम है, जो प्रेम कहानी की रात और जादुई वातावरण को दर्शाता है। नीले और भूरे रंग के टन काम में प्रबल होते हैं, जिससे शांति और शांति की भावना पैदा होती है।
पेंटिंग के पीछे की कहानी बहुत दिलचस्प है, क्योंकि यह ग्रीक पौराणिक कथाओं की सबसे प्रसिद्ध प्रेम कहानियों में से एक का प्रतिनिधित्व करती है। एंडीमियन एक सुंदर नश्वर चरवाहा था जिसे चंद्रमा की देवी, सेलेन से प्यार था। देवी हर रात उसके दौरे के रूप में वह एक गुफा में सोती थी और सोते समय उसे चूमा।
पेंटिंग का एक छोटा ज्ञात पहलू यह है कि जब वह केवल 24 साल की थी, तब पूसिन ने उसे बनाया। अपनी युवावस्था के बावजूद, काम कला के एक प्रभावशाली और चलती काम बनाने के लिए कलाकार की क्षमता और प्रतिभा को प्रदर्शित करता है।
सारांश में, निकोलस पूस्सिन द्वारा सेलेन और एंडीमियन पेंटिंग कला का एक प्रभावशाली काम है जो चंद्रमा देवी और एक घातक पादरी के बीच पौराणिक प्रेम कहानी को दर्शाता है। पेंटिंग के पीछे रचना, रंग और इतिहास सभी दिलचस्प पहलू हैं जो इस काम को फ्रेंच बारोक शैली में सबसे प्रमुख में से एक बनाते हैं।