विवरण
पीटर पॉल रूबेंस की "द खतना" पेंटिंग सत्रहवीं शताब्दी से फ्लेमेंको बारोक कला की एक उत्कृष्ट कृति है। यह काम एक धार्मिक घटना का प्रतिनिधित्व है जो यीशु के जीवन में हुआ था, जिसमें यह यहूदी परंपरा के अनुसार खतना किया गया था।
इस पेंटिंग में रुबेंस की कलात्मक शैली बहुत स्पष्ट है, क्योंकि यह रचना में गहराई की भावना पैदा करने के लिए चियारोसुरो तकनीक का उपयोग करती है। यीशु का आंकड़ा, काम के केंद्र में स्थित है, पेंटिंग का केंद्र बिंदु है और अन्य पात्रों से घिरा हुआ है जो निरंतर आंदोलन में प्रतीत होते हैं।
इस काम में रंग का उपयोग भी प्रभावशाली है। रुबेंस एक समृद्ध और जीवंत रंग पैलेट का उपयोग करता है, जिसमें लाल, सोने और हरे रंग की टोन शामिल हैं, ताकि पेंट में गर्मी और प्रकाश की भावना पैदा होती है।
इसके अलावा, इस काम के पीछे की कहानी दिलचस्प है। उन्हें चर्च के मुख्य वेदी को सजाने के लिए एंटवर्प में सैन पाब्लो के चर्च द्वारा कमीशन किया गया था। फ्रांसीसी क्रांति के दौरान फ्रांसीसी सैनिकों द्वारा पेंटिंग चोरी हो गई थी और आखिरकार 1815 में चर्च में वापस आ गई।
इस काम के बारे में एक छोटा सा पहलू यह है कि रूबेंस ने पेंटिंग में अपने स्वयं के आत्म -बर्तन को शामिल किया। इसे पेंटिंग के निचले दाएं कोने में देखा जा सकता है, जहां वह खुद को एक काली टोपी के साथ दाढ़ी वाले व्यक्ति के रूप में प्रतिनिधित्व करता है।
सारांश में, पीटर पॉल रूबेंस द्वारा "द खतना" कला का एक प्रभावशाली काम है जो उसके पीछे उसकी तकनीक, रचना, रंग और इतिहास के लिए खड़ा है। यह एक ऐसा काम है जो आज भी प्रासंगिक है और फ्लेमेंको बारोक कला के सबसे महत्वपूर्ण चित्रों में से एक है।